सरकार की योजना के तहत चावल मिल मालिकों ने राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम से धान लिए। इसके बदले उन्हें 67% चावल निगम को लौटाना था। पर, करोड़ों का धान उठाने के बाद कुछ मिल मालिकों को निगम को ठेंगा दिखा दिया। इसे लेकर 2013 में निगम की ओर से विभिन्न जिलों के पुलिस थाने में आरोपी मिल मालिकों के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए थे।
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